सूखे से निपटने के लिए किसानों की मदद कर रही है बिहार सरकार
लगातार प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून की बेरुखी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, जो कि धरती पर रह रहे लोगों के लिए चिंता का विषय है। क्योंकि पानी एक मूलभूत संसाधन है जिसकी जरुरत धरती में रहने वाले प्राणियों के साथ-साथ पेड़ पौधों एवं पशु पक्षियों को भी है। इन दिनों मानसून की बेरुखी के कारण कई राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं, जिसका असर उस राज्य के किसानों पर पड़ रहा है। किसान बिना पानी के अपनी खेती को उपजाने में समर्थ नहीं हैं। ऐसे में कुछ राज्य सरकारें इस मामले में किसानों की सहायता के लिए आगे आई हैं। बिहार सरकार ने सूखे से निपटने के लिए कमर कस ली है। इस बार बिहार में बेहद क़म बरसात हुई है जिसके कारण बिहार के कई जिले सूखे की चपेट में हैं। इस सूखे का असर बिहार में खरीफ की फसल पर पड़ा है। सूखे के कारण बिहार के एक बड़े क्षेत्र में धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसके बाद बिहार सरकार सूखे से निपटने के लिए एक योजना लागू करने जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार किसानों को कम समय में फसल देने वाले बीज उपलब्ध करवा रही है, ताकि सूखे से होने वाले नुकसान की थोड़ी बहुत भरपाई की जा सके। कम समय में फसल देने वाले बीजों से किसान बेहद जल्दी फसल ले सकते हैं। ऐसे बीजों को परम्परागत बीजों के जितना पानी की जरुरत नहीं होती है। इस योजना को बिहार सरकार ने 'आकस्मिक फसल योजना' (Bihar Aaksmik Fasal Yojana 2022) का नाम दिया है।बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने बताया, "आकस्मिक फसल योजना" के अंतर्गत प्रभावित जिलों के लिए 18,153 क्विंटल बीज की आपूर्ति की मांग की गई है, जिसकी जल्द से जल्द आपूर्ति कर दी जाएगी। यह आपूर्ति बिहार बीज निगम द्वारा 3 सितम्बर तक की जाएगी, जिसका वितरण जल्द से जल्द प्रभावित किसानों को कर दिया जाएगा। इस वितरण को 15 सितम्बर के पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।" उन्होंने आगे बताया, अभी तक बीज निगम द्वारा राज्य के किसानों को बड़ी मात्रा में बीजों का आवंटन किया जा चुका है, जिसमें 1,201 क्विंटल अरहर, 159 क्विंटल उड़द, 150 क्विंटल ज्वार तथा 803 क्विंटल मक्का के बीज सम्मिलित हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बताया कि सूखे जैसे हालातों से निपटने के लिए बिहार सरकार का मुख्य फोकस राज्य के 11 जिलों पर है, जिनमें जमुई, भागलपुर, बांका, जहानाबाद, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और गया को सम्मिलित किया गया है। इन जिलों में कम समय में फसल तैयार होने वाले बीज उपलब्ध करवाए जायेंगे, क्योंकि इन जिलों में सूखे की वजह से धान की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। बीज वितरण के तहत इनमें से कई जिलों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बीज वितरण का कार्य प्रारम्भ भी किया जा चुका है। बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बताया कि बिहार सरकार सूखे को देखते हुए प्रदेश के किसानों की मदद करने के लिए डीजल में भी अनुदान दे रही है। डीजल अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान कृषि विभाग की वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह अनुदान 29 जुलाई 2022 से देना प्रारम्भ किया गया है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अभी तक 4,36,820 किसानों ने ऑनलाइन अप्लाई किया है, साथ ही 1,86,108 किसानों के आवेदनों को सत्यापन करके उनके बैंक खाते में डीजल की अनुदान राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पहुंचाई जा चुकी है। इनके आवेदनों को हर पंचायत में कृषि समन्वयक द्वारा सत्यापित किया जाता है, जिसके बाद ही सरकार सम्बंधित किसानों को अनुदान राशि मुहैया करवाती है।
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06-Sep-2022